ऐसे थे हम सबके राम

A Traditional painting features Lord Rama

अयोध्या में जन्मे, दिव्य स्वरूप,
धर्म और मर्यादा के प्रतिरूप।
सच्चे, सरल, सहज और शांत,
ऐसे थे दशरथ के पुत्र!

कोमल वचन, तोतली बोली,
मुस्कान लिए जैसे हो होली।
बाल स्वरूप में प्रेम अपार,
देख हृदय हो जाए निस्सार।
सुनहरी किरण-सा रूप मनोहर,
कौशल्या के नयन का सागर।
सिर पर शोभित मुकुट महान
ठुमक-ठुमक चलते श्रीराम।

मंद मुस्कान, नयन विशाल,
श्यामल काया, मोहक तन-मन।
प्रेम की मूरत, स्नेह के धाम,
ऐसे थे सिया के राम!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *